दिल्ली- निर्माता कंपनी में कंकाल हवाएं बीमार कर रही हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तो यहां तक कह दिया कि दिल्ली अब देश की राजधानी नहीं रहना है। थरूर का सवाल था कि इस शहर की राजधानी क्या होनी चाहिए? हालाँकि, अब सवाल उठ रहा है कि दिल्ली से राजधानी हटाओगे तो इसे कहाँ ले जाओगे? ‘पॉल्यूशन जोन’ लगातार जारी है। आंकड़ों में कहा गया है कि दिल्ली समेत उत्तर भारत में किसी भी शहर में साफ हवा नहीं है। इतना ही नहीं, देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या भी हर साल बर्बाद हो रही है।
बिहार, दिल्ली में वायु प्रदूषण से लोगों का दम घुट रहा है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। द्यूतक्रीड़ा पर धूम्र से चमेली की दोस्ती खराब हो गई है। विजिबिलिटी शून्य तक रिकॉर्ड की जा रही है। बड़ी चिंता यह बात भी है कि सफ़ा हवा वाले शहरों की संख्या हर साल बर्बाद हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब बड़े शहरों में सिर्फ 27 फीसदी ही साफ हैं और वहां नागरिक स्वच्छ हवा में सांस ले पा रहे हैं।
हालाँकि, इन शहरों में कोई भी उत्तर भारत से नहीं है। यानि उत्तर भारत के किसी भी शहर में साफ-स्वच्छ हवा का रिकॉर्ड नहीं जा रहा है। वहीं, तमिलनाडु के स्मारकपुरम जैसे शहरों में AQI 19 से भी कम है. लेकिन बात बिल्कुल वैसी ही नहीं है.
शशि थरूर के पोस्ट पर कई उपभोक्ताओं ने देश की राजधानी दिल्ली से लेकर चेन्नई या रेजिनगर जैसे शहरों में से किसी एक में पोस्ट करने का सुझाव दिया, जहां हवा काफी साफ है।
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लगातार घट रही है सावा शहरों की संख्या
जिसमें दिल्ली के 27 शहर ऐसे हैं, जो साफ पानी और साफ हवा के लिए आकर्षित हो रहे हैं। साफ हवा वाले शहरों की संख्या लगातार घट रही है। ये सिटी यूनिवर्सल फैक्ट्रियां दूर-दूर तक फैली हुई हैं, जिससे लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग आज स्वच्छ पानी, सांस लेने योग्य हवा और अच्छे भोजन की अपेक्षा रखते हैं।
इन शहरों में साफ हवा में सांस ले रहे लोग
इसके अलावा, बड़ी संख्या में ऐसे शहर भी हैं, जहां लोग साफ पानी और साफ हवा ले सकते हैं। इनमें आइजोल (मिजोरम), अरियालुर (तमिलनाडु), बागलकोट (कर्नाटक), चामराजनगर (कर्नाटक), चिक्कमगलूर (कर्नाटक), कोयंबटूर (तमिलनाडु), डिंडीगुल (टर्मिनल), हसन (कर्नाटक), कलबुर्गी (कर्नाटक), कांचीपुरम (तमिलनाडु) , करूर (तमिलनाडु), कोप्पल (कर्नाटक) और मदिकेरी (कर्नाटक) का नाम शामिल है।
कई शहरों में हवा की टोकियोटोकी
लेटेस्ट ट्रेंड के मुताबिक, यूनेस्को के 51 छोटे-बड़े शहरों में एयरोस्पेस का स्तर ऑनलाइन बना हुआ है। इन कंपनियों में साइंटिफिक, बेकरी, पुडुचेरी, पूर्णिया, रैनास्पेट, राजवंश, जेन, शिवमोगा, सिल्चर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजय वेरा और अन्य शामिल हैं।
कैसे हैं दिल्ली के हाल…
दिल्ली का एयरोस्पेस स्कैनर (AQI) रविवार सुबह 422 बजे पहुंच गया। यानी यहां ‘गंभीर’ श्रेणी बनी हुई है। रविवार सुबह 119 उड़ान लेट हुई और 6 रद्द कर दी गई। दिल्ली- आर्टिफ़िशियल रेन मोर्टार जेन की तैयारी चल रही है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार की सूची लिखी है। 12वीं तक के स्कूल बंद हो गए हैं और ऑफलाइन क्लासेज चल रही हैं। अब सरकार ने सरकारी कंपनियों को वर्कशॉप से होम में लागू करने का फैसला किया है। 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे। खतरनाक प्रदूषण से फिल्मांकन के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन चरण IV लागू किया गया है। शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक है और निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है। पब्लिक पब्लिक का निर्माण कार्य भी रोक दिया गया है।
इससे पहले 2024 में बहस के मौसम (जनवरी-अगस्त) के दौरान दिल्ली में छह वर्षों में सबसे साफ हवा का प्रवेश हुआ था। उसके बाद अक्टूबर की शुरुआत में दिल्ली की वायु गुणवत्ता गिरना शुरू हुई और उसके बाद और भी खराब हो गई। वर्तमान राजधानी में हवा का इंजन खुला हो गया है। कई इलाकों में AQI 500 के करीबी या रिश्तेदार मुख्य रूप से दर्ज किये गये हैं.
देश में कैसा है आबो-हवा..
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह तक छह प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण ‘खराब’ दर्ज किया गया। चार शहर ‘मध्यम’ श्रेणी में हैं। चार को ‘संतोषजनक’ और केवल दो को ‘अच्छी’ श्रेणी में रखा गया है। दिल्ली में आज देश में सबसे अधिक पॉल्यूशन श्रेणी दर्ज की गई है। उसके बाद लखनऊ का 299 और पटना का 265 AQI दर्ज किया गया. ये श्रेणी ख़राब मानी जाती है. सुबह 6 बजे आइजोल में AQI 26 और अटलांटा में AQI 43 दर्ज किया गया. ये प्रदूषण का सबसे कम लेवल रह रहा है. मंगलवार को दिल्ली में एयरोइलेक्ट्रॉनिक डिटेक्टर 494 आ रहा था।
राजस्थान में पहली बार पॉल्यूशन की वजह से स्कूल की छुट्टियाँ
राजस्थान में भी प्रदूषण से बदतर हालात हैं। यहां पहली बार प्रदूषण के कारण सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला लिया। राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिस कारण जिला प्रशासन ने छुट्टी की घोषणा की है। रजिस्ट्रार का कहना है कि जिले के सभी सरकारी और गैर-राजकीय छात्रावास में 20 से 23 नवंबर तक पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए अवकाश घोषित किया गया है। पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा न हो, इसके लिए ऑनलाइन ऑफ़लाइन निर्मित सामग्री उपयोगी है। स्कूल में बच्चों की छुट्टी नहीं होगी और वे स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ेंगे।
वायु प्रदूषण कैसे पता करें?
वायु प्रदूषण पर दैनिक निगरानी के लिए निगरानी केंद्र बनाए गए हैं। ये केंद्र एयरोस्पेस स्कैनर (AQI) के संकेतकों के माध्यम से हैं। इसके साथ ही डॉक्यूमेंट्री हवा से जोखिम कम करने के बारे में जानकारी दी गई है। लोगों को 0-500 के पैमाने के आधार पर बताया जाता है कि हवा कितना साफ या साबुन है, जिसका मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
असल में, हमारा स्वास्थ्य इस से भी बेहतर है कि हम कैसी हवा में सांस लेते हैं। धूम्रपान की तरह ही कलाकार हवा में सांस लेना भी खतरनाक ही माना जाता है। जिस तरह का धूम्रपान हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, ठीक उसी तरह की कलाकृति हवा में सांस लेना भी हानिकारक है।
लोग बीमार हो रहे हैं खराब हवा…
सहयोगी वायु कण हमारे नाक, गले, साइनस, आंख और फेफड़े में जलन, सूजन पैदा कर सकते हैं। नवीनतम के माइक्रोबायोटा का भी प्रभाव है। मुर्दाघर और बच्चों के फेफड़े को भी नुकसान पहुंचाते हैं। हृदय रोग जैसे गंभीर से पीड़ित व्यक्ति, सामान्य व्यक्ति और बुजुर्ग खराब गुणवत्ता वाली हवा की वजह से गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।
प्रमुख वास्तुशिल्प में प्रदूषण का स्तर
शहर | एक्यूआई | श्रेणी |
हाँ | 141 | मॉडरेट |
आदर्श | 26 | अच्छा |
बैंगलोर | 129 | मॉडरेट |
भोपाल | 261 | ख़राब |
भु | 178 | मध्यम |
चंडीगढ़ | 215 | ख़राब |
चेन्नई | 100 | दम् |
दिल्ली | 422 | गंभीर |
बैग | 43 | अच्छा |
राज | 95 | दम् |
जयपुर | 261 | ख़राब |
कोलकाता | 222 | ख़राब |
न | 299 | ख़राब |
मुंबई | 136 | मॉडरेट |
पटना | 265 | ख़राब |
रायपुर | 98 | दम् |
तिरुवनंतपुरम | 66 | दम् |