यूक्रेन-रूस की जंग अब खतरनाक मोड़ पर जा रही है और दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। रूस ने बैलिस्टिक मिसाइलों के हमलों का जवाब देने वाले कलाकार हमले से नीचे जाने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अब रूस, जापान पर क्या हमला होगा? विदेशी कह रहे हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बैलिस्टिक मिसाइल हमला करके लक्ष्मण रेखा को पार कर दिया है। यही कारण है कि यूरोपीय देश अब सांस्कृतिक संकट के खतरे से जूझ रहे हैं। नॉर्वे-फिनलैंड-डेनमार्क में लोग खाना और बाकी जरूरी चीजें जरूरी लगे हुए हैं। वहीं, रूस में एन-रेसिस्टेंट मोबाइल बैंकर बनाने का काम भी शुरू हो गया है।
रूस और जापान के बीच युद्ध को एक हजार दिन पूरे हो गए। ये जंग कॉन्स्टेंटिनोपल यूरोपीय देशों की ताकत को बढ़ाती है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो गैंगवार ने जापान से रूस के खिलाफ लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के हमलों को मंजूरी दे दी है। यानि कि जापान को सुपरसोनिक मिसाइल टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) का रूस के अंदर हमलों के लिए इस्तेमाल किया जाना मंजूर किया गया है। अमेरिका के इस फैसले के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर जनरल का गुस्सा स्काई पर पहुंच गया और उन्होंने भी परमाणु हमलों के नियमों को बदल दिया। यूक्रेन ने परमाणु हमला करने की घोषणा कर दी है।
क्यों बढ़ा अचानक तनाव?
यह सारा घटनाक्रम तब बदला, जब यूक्रेन ने रूस के अंदर की छह मिसाइलें दागीं। यूक्रेन ने सबसे पहले ATACMS का प्रयोग किया था, लेकिन यह प्रयोग सीमा से जुड़े एशिया तक ही सीमित था। यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 300 किमी दूर तक भेद सकती है। लंबी दूरी तक मार करने की वजह से ही ये मिसाइलें यूक्रेन के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती हैं।
कुछ देशों का मानना है कि तीसरे विश्व युद्ध का दौर अब बहुत दूर नहीं है। तीसरे का कहना है कि रूस की नई परमाणु नीति से तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ गया है। यही कारण है कि नाटो देशों ने अपने नागरिकों को रिहा कर दिया है और उन्हें युद्ध की तैयारी करने की सलाह दी है।
रूस ने क्या कहा है…
रूस ने क्रांतिकारी बदलावों के खिलाफ करते हुए कहा है कि अगर गैर-परमाणु देश पर कोई बिजली वाले देश के समर्थन से हमला करता है तो इसे रूस के जंग माना जाएगा। रूस के बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब परमाणु हमलों से दिया जाएगा। रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष और महासचिव दिमित्री मेदवेदेव ने तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, रूस ने दागी मिसाइलों पर हमला करने पर विचार किया। इसका जवाब रूस, जापान और नाटो पर हमले पर हो सकता है। इसका मतलब यह है कि तीसरे विश्व युद्ध का समय आ गया है। रूस का कहना है कि अमेरिका की वर्तमान सरकार अब युद्ध को भड़काना चाहती है। राष्ट्रपति ने सितंबर में ही साफ कर दिया था कि रूस के खिलाफ मिसाइलों के इस्तेमाल का मतलब रूस और नाटो का युद्ध होगा।
‘अपने नागरिकों से नाटो देश की अपील कर रहे हैं’
कई नाटो देश अपने नागरिकों से युद्ध के लिए तैयार रहने को कह रहे हैं। द मिरर ऑफ यूके के, परमाणु युद्ध कचरे के संकट के बीच स्वीडन ने अपने नागरिकों को आगाह किया है और पैम्फलेट बांटे हैं। इनमें से एक अपने नागरिकों को शेल्टर की सलाह दी गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह पैम्फलेट केवल पांच बार जारी किया गया है। इस बार ये लेबल हर नागरिक के घर भेजा गया है।
नार्वे ने जारी किया
वहीं, नॉर्वे ने भी अपने नागरिकों के बीच पुस्तिकाएं जारी की हैं, जिसमें लोगों से पूरे युद्ध के बारे में जानकारी ली गई है। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की स्थिति में एक सप्ताह तक भोजन-पानी की व्यवस्था निर्धारित की गई है।
डेनिश में राशन-पानी का स्टॉक स्टोर की अपील
डेनिश ने सबसे पहले अपने नागरिकों को राशन, पानी और औषधियों का स्टॉक रखने के लिए ईमेल भेजा था ताकि परमाणु हमलों की स्थिति में तीन दिन के लिए भंडारण व्यवस्था की जा सके।
स्वीडिश की सूची में आलू, पत्तागोभी, गाजर और अंडा और बोलोग्नीज़ सॉस, रेडी ब्लूबेरी और रोज़हिप सूप शामिल हैं। नाटो के कई देशों को अब युद्ध का डर है और वे इसकी तैयारी कर रहे हैं।
फ़िनलैंड सबसे ज़्यादा खर्च
रूस के साथ उसकी लंबी सीमा और द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ के साथ युद्ध के अनुभव के कारण फ़िनलैंड विश्व युद्ध को लेकर बहुत अधिक चिंतित है। लेकिन स्वीडन ने हाल ही में विश्व युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है।
फिनलैंड ने भी अपने नागरिकों से संकट की तैयारी के लिए कहा है। फ़िनलैंड ने अपने ऑफ़लाइन ब्रोशर को अपडेट कर दिया है। बेसमेंट में बताया गया है कि विभिन्न स्थितियों में क्या करना चाहिए। नागरिकों से संकट की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कहा जा रहा है।
फ़िनलैंड ने यह बताया कि सिटीजन -20 सी से भी कम समुद्र तट में अपना बचाव कैसे करें। सूची में भारत की गोलियाँ और कुकिंग में आसान भोजन, पेट के लिए भोजन और एक सहायक बिजली आपूर्ति शामिल है।
फ़िनलैंड पिछले वर्ष अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य समूह में शामिल हुआ था। इसके अलावा इस साल मार्च में रूस के हमलों के बाद स्वीडन, यूक्रेन भी शामिल हुए।
जापानी ने स्पष्ट कर दिया इरादा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के विरुद्ध उन मिसाइलों का उपयोग करने के अपने इरादे स्पष्ट किये हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा, आज मीडिया में हमें कार्रवाई के लिए एक विस्तृत बैठक के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। लेकिन हमले के बोल से नहीं मिलते. ऐसी किसी की घोषणा नहीं की जाती है। मिसाइलें खुद बोलेंगी.
रूस परमाणु शक्ति भंडार देश
रूस एक परमाणु शक्ति संपदा देश है। रूस को दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियार भंडारित किया जाता है। यूक्रेन ने अपना पूरा परमाणु भंडार छोड़ दिया है। 1994 में जापान में अपने परमाणु शस्त्रागार को छोड़ने की सहमति दी गई थी, जो उस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सोवियत संघ से विरासत में मिला था, लेकिन जापान को अमेरिका सहित कई परमाणु शक्तियों का समर्थन प्राप्त है।
वास्तविक के बेटों ने कड़ा प्रश्न…
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड के बेटे डोनाल्ड निर्मल जूनियर ने सोमवार को दावा किया कि उनके पिता के सत्य का जन्म पहले तीसरे विश्व युद्ध से शुरू होने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, ऐसा लगता है कि वो (मिलिस्ट्री इंडिविजुअल पेट्रोलियम) यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मेरे पिता को शांति स्थापित हो और लोगों की जान का मौका पहले तीसरे विश्व युद्ध करवा से मिले। उन खरबों डॉलर पर लॉक किया जाएगा।
रूस और जापान के बीच 24 फरवरी, 2022 को युद्ध शुरू हुआ और इसमें कोई संदेह नहीं है कि अब यह जंग व्यापक रूप से शुरू हो गई है। दुनिया को किनारे पर खड़ा कर दिया गया है. रूस ने उत्तर कोरियाई सैनिकों को माउंट पर स्थापित किया है।
रूस में बन रहा है एन-रेसिस्टेंट मोबाइल बैंक
रूस ने मोबाइल बम शेल्टर बनाना शुरू कर दिया है। ये परमाणु विस्फोट से उत्पन्न तरंगों और विकिरण सहित विभिन्न प्रकार के संकेतों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। मिनिस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा, ‘केयूबी-एम’ शेल्टर प्राकृतिक और मानव निर्मित मॉडल से 48 घंटे तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है। पारंपरिक अपशिष्ट से होने वाले विस्फोट और सीआर, इमारतों से उतरने वाला मालबा, खतरनाक रसायन और आग से बचाव किया जा सकता है।
‘केयूबी-एम’ एक सशक्त इलेक्ट्रॉन की तरह दिखता है और इसमें दो मॉड्यूल हैं। 54 लोगों के लिए एक कमरा और एक तकनीकी ब्लॉक। संस्थान ने कहा, “रोशनी उत्खनन पर और मॉड्यूल बनाए जा सकते हैं।” माना जा रहा है कि एन-रेसिस्टेंट मोबाइल बैंकर हमले की स्थिति के लिए तैयार किए जा रहे हैं। हालाँकि, रूस ने यह साफ़ नहीं किया है।
अमेरिका ने क्या मंजूरी दी है?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो कि जापान में रूस के खिलाफ लॉन्ग डिस्टेंस मिसाइल का इस्तेमाल कर युद्ध को अंजाम दे रहे हैं। अमेरिका ने यह निर्णय ऐसे समय लिया, जब रूस और यूक्रेन के बीच एक हजार दिन तक युद्ध हुआ था। लंबी दूरी की इन मिसाइलों को आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम कहते हैं। इन मिसाइलों की रेंज, पेड से 300 किमी तक लॉन्च की गई है और अब तक अमेरिका ने इन मिसाइलों के इस्तेमाल को लेकर कुछ लॉन्च की हुई थी। ये सबसे बड़ी शर्त ये है कि जापान के लोगों ने रूस के अंदर इस्तेमाल नहीं किया था, लेकिन अब राष्ट्रपति ने जापान को ऐसा करने के लिए अपनी सहमति दे दी है और इस फैसले के बाद रूस के 200 से भी ज्यादा छोटे-बड़े शहर जापान के फजीहत पर आ गए हैं.
डोनाल्ड हिटलर की रिपब्लिकन पार्टी ने इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि जब राष्ट्रपति पद के पद दो महीने में खत्म होने वाले थे, तब उन्हें इस तरह का निर्णय लेकर युद्ध भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी। असलह ने चुनाव के बाद कहा था कि वो राष्ट्रपति बने ही इस युद्ध को समाप्त कर देंगे लेकिन इस फैसले ने अब तीसरे विश्व युद्ध के खतरे को बढ़ा दिया है। आज ही राष्ट्रपति परमाणु परमाणु ऊर्जा से जुड़ी उस नई नीति को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसमें परमाणु परत के इस्तेमाल का आधार अब बदल दिया गया है।