रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा. (सोशल मीडिया ss)

Jyotish Pandey

‘ICBM स्ट्राइक पर चुप रहना…’, रूसी प्रवक्ता ने सीधे क्रेमलिन से फोन पर की लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस – ICBM मिसाइल हमले पर कुछ न कहें जब रूसी प्रवक्ता को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्रेमलिन से आया फोन NTC

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रूस ने जापानी सेना पर गुरुवार को आईसीबीएम मिसाइलों से हमला किया। लेकिन ICBM मिसाइलों से हमलों के बारे में रूसी व्याख्याता की ओर से कही गई एक बात को खारिज कर दिया गया है। असल, रूस की ओर से हमलों के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी। इस पीसी को रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा का पता चल रहा है। अचानक क्रेमलिन की ओर से एक फोन आया और उन्हें आईसीबीएम मिसाइल हमलों पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया गया। उनकी ओर से कहा गया कि आईसीबीएम हमले लगातार जारी हैं। लेकिन इस बातचीत के दौरान मारिया माइक ऑफ करना भूल गईं, जिसमें उनकी आवाज सामने आई।

पहली बार आईसीबीएम मिसाइल से हमला

रूस ने 21 नवंबर की सुबह 5 से 7 बजे के बीच जापानी आईसीबीएम मिसाइलों पर परमाणु हमला किया। इस जंग में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंट बैलिस्टिक मिसाइलों पर हमला किया गया है। संभावना है कि इसके लिए रूस ने आरएस-26 रूबेज़ मिसाइलों का इस्तेमाल किया होगा। जो आस्ट्राखान इलाक़ा से जुड़ा था।

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यूक्रेन ने की हमलों की पुष्टि

यूक्रेन के अध्ययन ने इस हमले की पुष्टि की है। इस मिसाइल के अलावा किज़ल हापरसोनिक और केएच-101 क्रूज़ मिसाइलों पर भी हमला किया गया है। यूक्रेनी शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके महत्वपूर्ण वास्तुशिल्प, निर्माण और ढांचों को नुकसान पहुंचा है। इस हमले में गैर-परमाणु बेरोजगारी का इस्तेमाल किया गया है। क्रूज़ मिसाइलों को दागने के लिए रूस ने अपनी लंबी दूरी के बमवर्षकों Tu-95MS का इस्तेमाल किया है। ये बमवर्षक वोल्गोग्राड क्षेत्र से उड़े थे। जबकि किज़ल हाइपरसोनिक मिसाइलों को ताम्बोव क्षेत्र से उड़ाए गए मिग-31K फाइटर जेट से दागा गया था।

इस बीच रूस की ओर से दावा किया गया है कि उसके हवाई रक्षा प्रणाली ने दो ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को मार गिराया है। इन मिसाइलों को जापान ने रूस की तरफ इशारा किया था। सबसे पहले जापानी बार ने इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया था।

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बता दें कि 20 नवंबर 2024 को यूक्रेन के वैज्ञानिक ने दावा किया था कि रूसी सेना अपनी इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल आरएस-26 रूबेज़ को दागने की तैयारी कर रही है। ये मिसाइल कपुस्टिन यार एयर बेस से लॉन्च की जाएगी। इस इलाके को अस्त्रखान भी कहते हैं. संभावना है कि इस मिसाइल में परमाणु हथियार न हो. लेकिन कम कण वाले परमाणु हथियार या खतरनाक पारंपरिक हथियार लगाए जा सकते हैं।

इस मिसाइल में क्या खास है

इस मिसाइल का वजन 36 हजार किलोमीटर है। इसमें एक साथ 150/300 किटन के 4 हथियार अप्लाई किये जा सकते हैं। यानी ये मिसाइल MIRV तकनीक से लॉन्च हुई है. यानी एक साथ चार समर्थकों पर हमला हो सकता है. यह मिसाइल अवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड ऑज़र को ले जाने में भी सक्षम है। यानी हमला और भी टैगा किया जा सकता है.

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