डीआरडीओ जल्द ही बंगाल की खाड़ी में भारतीय रॉकेट फोर्स (भारतीय रॉकेट फोर्स) को और लेटर बनाने के लिए एक नया मिसाइल परीक्षण कर सकता है। ये किस तरह की मिसाइल होगी इसका खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन एक्स हैंडल्स पर जो डिटेल्स आ रही है, ये टेस्टिंग विशाखापट्टनम के आसपास हो सकती है।
वहां नौसैनिक बेस पर सबमरीन द्वारा लॉन्च क्रूज मिसाइल (एसएलसीएम) की टेस्टिंग की संभावना जताई जा रही है। या फिर K-15 सागरिका की. इसके पीछे एक कारण 1730 किमी का नोटम है। यानी ट्रायल से पहले डीड्राओ नोटैम जारी होता है। यानी 27 से 30 अक्टूबर के बीच समन्दर में कोई जहाज या हवाई जहाज़ नहीं जाएगा।
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इससे ठीक पहले 16 नवंबर को डीड्राओ ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था। माप रेंज 1500 किलोमीटर थी। इसलिए यह भी संभावना जताई जा रही है कि नोटैम की रेंज और विशाखापत्तनम के नौसैनिक बेस से लॉन्चिंग को देखते हुए यह परीक्षण किसी भी रेंज की मिसाइल का होगा।
प्रलय मिसाइल का उत्पादन बढ़ाया, जल्द ही होगा परमाणु
ये सॉलिड प्रॉपेलेंट वाली मिसाइल है। जो 150 से 500 किलोमीटर की दूरी तक मार करता है। प्रलय की गति 1200 किमी/घंटा है। जिसकी गति 2000 किमी/घंटा हो सकती है। यानि कि हवा से स्कूल समय की गति सबसे अधिक होती है। चीन के पास इसी तरह की डोंगफेंग-12 मिसाइल है। जबकि, पाकिस्तान के पास गज़नवी, एम-11 (चीन से मिली) और रॉयलन मिसाइलें हैं।
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सवाल ये है कि इस बार कौन सी मिसाइल की परीक्षा होगी…
एसएलसीएम… पिछले साल फरवरी में भी इस मिसाइल का गुप्त परीक्षण किया गया था। इसके दो शिलालेख और बनाये जा रहे हैं। लैंड मिसाइल क्रूज़ मिसाइल (LACM) और एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल (ASCM)। यह असल में निर्भय मिसाइल का रिकॉर्डेड कैटलॉग है। जिसका उल्लेख कोई नाम नहीं दिया गया है।
एसएलसीएम की रेंज 500 किमी है। फरवरी में टेस्ट के दौरान 402 किमी की रेंज हासिल की गई थी। इसकी लंबाई 5.6 मीटर है. वॉरहेड के साथ इसका वजन 975 किलोग्राम है। यह भारतीय नेविगेशन सिस्टम, GPS के पवित्र स्थान पर पहुंचें। आरएफ सीकर लगा हुआ है।
864 किमी/घंटा की घातक स्ट्राइकर, स्टार्स को धोखा देने की क्षमता
इन मिसाइलों की खासियत ये होगी जब ये अपने लॉन्चर से निकलेंगे, उसके बाद तीन विंग्स खुलेंगे। यदि उदाहरणार्थ निर्भय मिसाइल का मंच बनाया गया है, तो इस मिसाइल की गति करीब 864 से 1000 किमी/घंटा के बीच हो सकती है। इसमें 200 से 300 किलो का वॉरहेड लगाया जा सकता है.
एसएलसीएम में सी-स्किमिंग और टेरेन हैगिंग की क्षमता है। यानी यह मिसाइल समुद्री पानी और जमीन से थोड़ा ऊपर उड़कर राडार को चकमा दे सकती है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें उसपर अल्पावधि में इसे छोड़ना अत्यंत कठिन हो जाता है।
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दो तरह के वॉरहेड लग सकते हैं, इन पनडुब्बियों में अवशेष संभव हैं
इसमें दो तरह के वॉरहेड यानि हथियार प्लांट जा सकते हैं। प्रथम प्रेसिशन-कम-ब्लास्ट। यह बंकर और रणनीतिक साक्षियों को उड़ा सकता है। दूसरा एयरबर्स्ट जो फ़्राई पार्ट वाली को गैरकानूनी घोषित किया गया है। एसएलसीएम को कलवारी क्लास, सिंधुघोष और प्रोजेक्ट-75आई क्लास सबमरीन में स्थापित किया गया।
भारत सरकार के त्रिसैनिक बलों में काफी संख्या में निर्भय क्रूज मिसाइल शामिल होने वाली है। निर्भय मिसाइल की रेंज 1000 किमी से अधिक है। ये भारी है. इसका वजन करीब 1450 किलोमीटर है। लंबाई 6 मीटर है.
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दूसरा मिसाइल है… K-15 सागरिका, यानी समंदर से मृत
भारत के परमाणु मिसाइलों में से एक K-15 सागरिका मिसाइल की रेंज 750-1500 किमी है। भारतीय सेना के पास इसके दो स्मारक मौजूद हैं। पहली जमीन से दागी जाने वाली मिसाइल. दूसरी पनडुब्बी से दागी जाती है. इसके अलावा दो रेस्तरां बनाए जा रहे हैं। इसका उपयोग भारतीय नौसेना द्वारा ही किया जा रहा है। इसकी गति यह अत्यंत प्रभावशाली है। यह 9260 किमी/घंटा की स्पीड से दुश्मनों की ओर से 9260 किमी/घंटा है। इसका वजन 6-7 टन होता है. लंबाई 33 फीट और व्यास 2.4 फीट है।